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    बिहार का बाहुबली MLA अनंत सिंह: नौ साल की उम्र में हत्‍या का केस, दुष्‍कर्म का आरोप लगा तो पत्रकार को पीटा

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Wed, 22 Jun 2022 05:04 PM (IST)

    Anant Singh Interesting Facts बिहार के इस बाहुबली विधायक की कहानी बेहद दिलचस्‍प है। केवल नौ साल की उम्र में हत्‍या के मामले में गिरफ्तार हुए तो दुष्‍कर्म से लेकर रंगदारी तक के आरोप लगते रहे। इनके ठिकानों से खतरनाक हथियार मिले।

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    RJD MLA Anant Singh: अनंत सिंह की तस्‍वीरें। जागरण आर्काइव

    पटना, जागरण टीम। Anant Singh Biography: लालू यादव और तेजस्‍वी यादव के चहेते विधायक और बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह की कहानी गजब है। केवल नौ साल की उम्र में जेल का सफर करने वाले अनंत सिंह का अपराध से करीबी रिश्‍ता है। मोकामा के टाल क्षेत्र में उनका खौफ रहा है। अब स्‍थ‍ित‍ियां जरा बदली हैं, लेकिन इससे अनंत सिंह पर बहुत अधि‍क असर नहीं पड़ा। मंगलवार को आर्म्‍स एक्‍स में 10 साल की सजा सुनाए जाने के बाद मोकामा से विधानसभा की उनकी सदस्‍यता स्‍वत: खत्‍म हो चुकी है। यहां हम अनंत सिंह से जुड़ी कुछ ऐसी चीजें बताएंगे, जिनके जरिए आप इस बाहुबली को समझने में काफी हद तक सफल होंगे। 

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    घोड़ा, बग्घी, गाड़ी और सोने के  अनंत सिंह शौकीन

    बाहुबली अनंत सिंह के वैसे तो कई शौक हैं, लेकिन हाथी-घोड़ा, बग्घी, कीमती विदेशी गाडिय़ों और सोने के मुकुट को लेकर वे हमेशा चर्चा में रहे हैं। विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेले में अनंत सिंह का घोड़ा हमेशा आकर्षण का केंद्र रहा। वे अपने मवेशियों के गले में सोने की सिकरी पहनाते थे। अजगर पालने जैसी सनक ने भी उन्हें चर्चा में बनाए रखा। घोड़े बादल और लाडला ने उन्हें खूब प्रसिद्धि दिलाई थी। इस साल फरवरी में जहानाबाद में घोड़ा रेस प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें लाडला ने बाजी मारी थी। वहीं, मार्च में बक्सर में हुई प्रतियोगिता में वह दूसरे स्थान पर रहा। वर्ष 2017 के सोनपुर मेले में अनंत सिंह की हथनी पूरबी को देखने के लिए भी लोग काफी दूर से आए थे। अनंत सिंह के पास शानदार बग्घी भी है, जिसे उन्होंने दिल्ली से मंगवाया था। वे मर्सडीज कार में सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं। 

    नौ साल की उम्र में पहले बार हुए थे गिरफ्तार

    अनंत सिंह का जन्म एक जुलाई 1961 को हुआ। वे हत्या के आरोप में पहली बार नौ साल की उम्र में गिरफ्तार हुए। इसके बाद गांव में हुए आपसी विवाद में 15 साल की उम्र में उन्हें दूसरी बार जेल जाना पड़ा था। अपहरण, हत्या, आम्र्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम, यूएपीए समेत विभिन्न आरोपों में उनके विरुद्ध अब तक 39 मुकदमे दर्ज हैं। कम उम्र में मोकामा टाल क्षेत्र में कब्जा जमाने को लेकर हथियार उठाने और चार भाइयों में सबसे छोटे होने की वजह से लोग उन्हें छोटे सरकार बुलाने लगे। 90 के दशक तक उनकी छवि राबिनहुड वाली भी रही। 2013 में उन्होंने पाटलिपुत्र कालोनी में एक आलीशान होटल बनवाया और इससे पहले फ्रेजर रोड में माल का निर्माण कराया था। दोनों ही समय उनपर जमीन कब्जा करने का आरोप लगा। 

    इलाके में बढऩे लगा अनंत सिंह का खौफ

    राबिनहुड की छवि के विपरीत इलाके में उनके नाम का काफी खौफ था। कानून की लगभग सभी संगीन धाराओं में उनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज किए गए। विदेशी और आटोमेटिक राइफल का शौक रखने वाले अनंत सिंह राजद कार्यकाल में भी सत्ता के करीबी थे, मगर विरोधी से मेल-जोल बढ़ाने की वजह से 2004 में उनके पैतृक घर पर एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने धावा बोल दिया। उनके आठ लोगों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस को भी एक क्षति हुई। भारी संख्या में हथियारों की बरामदगी हुई थी। 

    बड़े भाई की गद्दी पर बैठे गए अनंत

    अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह का भी क्षेत्र में काफी बाहुबल था। वे भी मोकामा से विधायक रहे थे, लेकिन वर्ष 2000 में सूरजभान सिंह से हार गए। 2003 में उन्हें विधान पार्षद चुना गया, मगर तीन साल बाद 2006 में हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। इस बीच बिहार में तख्त पलट हो गया। कभी लालू यादव के करीबी रहे अनंत सिंह 2005 में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की। वे भाई की खोई कुर्सी पर बैठे तो तब से उनकी बादशाहत बरकरार रही। 

    पत्रकार की पिटाई पर हुए थे गिरफ्तार

    सत्ता में आने के बाद वर्ष 2007 में विधायक पर महिला से दुष्कर्म का आरोप लगा था। इसी मुद्दे पर सवाल पूछने की वजह से उन्होंने एक निजी चैनल के पत्रकार की पिटाई कर दी थी। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद भी उनपर हत्या, अपहरण, रंगदारी जैसे कई मामले दर्ज किए गए, लेकिन ज्यादातर कांडों में कोर्ट से ही उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई। 2014 में वे काफिले के साथ बिहटा में एक ठगी के आरोपित के घर पर धावा बोलने गए थे, जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था। उनके काफिले की एक गाड़ी जला दी गई थी। इसी साल मोकामा में छेड़खानी का विरोध करने पर पुटुस यादव नामक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में विधायक पर शिकंजा कसा जाने लगा और वे सत्तापक्ष के विरोधी बन गए। 

    एके - 47 से लेकर इंसास रायफल तक का मामला

    अनंत सिंह को जिस मामले में मंगलवार को सजा हुई, उसमें उनके घर से प्रतिबंध‍ित एके-47 रायफल, हैंड ग्रेनेड और 27 गोलियां मिलने का है। ये चीजें अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा के घर से मिली थीं। इससे पहले अनंत सिंह के सरकारी आवास पर इंसास रायफल की मैगजिन और विदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट मिलने का मामला सामने आ चुका है। यह मामला फिलहाल न्‍यायालय में है और इसमें फैसला आना बाकी है।